Geeta Jayanti 2023: जाने कब है गीता जयंती ? जानें शुभ मुहूर्त एवं धार्मिक महत्व

गीता जयंती हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन मोक्षदा एकादशी भी मनाई जाती है। सनातन धर्मग्रंथों में वर्णित है कि मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को सृष्टि के रचयिता भगवान श्रीकृष्ण ने अपने परम शिष्य अर्जुन को कुरूक्षेत्र की रणभूमि में गीता का उपदेश दिया था। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मंदिरों में गीता पूजा का आयोजन किया जाता है. आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व-

Geeta Jayanti 2023: जाने कब है गीता जयंती ? जानें शुभ मुहूर्त एवं धार्मिक महत्व

शुभ समय

पंचांग के अनुसार गीता जयंती 22 दिसंबर को है. मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 22 दिसंबर को सुबह 08:16 बजे शुरू होगी और 23 दिसंबर को सुबह 07:11 बजे समाप्त होगी। ज्योतिषियों के अनुसार, यह गीता जयंती की 5160वीं वर्षगांठ है।

पूजा विधि

गीता जयंती के दिन ब्रह्म बेला में उठकर भगवान श्रीकृष्ण को प्रणाम करके दिन की शुरुआत करें। घर की सफाई करे। अपने दैनिक कार्य समाप्त करने के बाद गंगाजल युक्त जल से स्नान करें। इस समय आचमन करके स्वयं को शुद्ध कर लें। अब पीले वस्त्र पहनकर सबसे पहले भगवान सूर्य को जल अर्पित करें। अब पंचोपचार करें और भगवान मधुसूदन की विधि-विधान से पूजा करें। इस समय पवित्र ग्रंथ ‘गीता’ के कम से कम एक अध्याय का अध्ययन एवं श्रवण करें। अंत में आरती करके कृष्ण कन्हैया से सुख, समृद्धि और शांति की प्रार्थना करें।

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