राजस्थान मे कोई ऐसा व्यक्ति नहीं होगा जो महाराणा प्रताप को नही जानता हो ।
महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 ईसवी को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग मे हुआ।
मुगलकाल मे राजस्थान के एकमात्र राजा महाराणा प्रताप ही थे जिन्होंने अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की।
महाराणा प्रताप ने आजीवन मुगलों से लोहा लेकर अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखा।
महाराणा प्रताप अपने मरणकाल के दौरान चावड़ मे थे, जहा उन्होंने अपना अंतिम समय बिताया।
57 वर्ष की उम्र मे 1597 मे महाराणा प्रताप की मृत्यु हुई प्रताप का अंतिम संस्कार चावड़ के नजदीक बांडोली मे हुआ, जहा उनकी छतरी बनी हुई है।
महाराणा प्रताप की मृत्यु का कारण कोई युद्ध का घाव नहीं था।
एक दिन महाराणा प्रताप शेर के शिकार के लिए निकले, वहा जब अपने धनुष के कमान को खींचा
तो कमान या प्रत्यंचा को खींचने पर महाराणा प्रताप के पेट के आंत वाले हिस्से पर बहुत जोर की चोट लगने पर महाराणा प्रताप बुरी तरह घायल हो गए।
इस चोट की वजह से प्रताप लंबे समय तक बीमार रहे और 1597 मे अपने प्राण त्याग दिए।
जब महाराणा प्रताप की मृत्यु हुई तब अकबर की आखों से आसू निकले और उन्होंने दातों तले अपनी जीब दबाई।