SBI Bank अपने ग्राहकों के लिए नई नई नियम और प्लान लेकर आता रहता है। हाल ही में एसबीआई की तरफ से एक बड़ी खबर सामने आई है। एसबीआई बैंक के अकाउंट होल्डर की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बैंक हमेशा से यह कोशिश करता रहता है कि वह अपने ग्राहकों को अधिक से अधिक सुविधाएं दें और उन्हें संतुष्ट रख पाए। जिसे से बैंक के ग्राहकों को बहुत ज्यादा लाभ होने वाला है।
अगर आप भी एसबीआई बैंक के अकाउंट होल्डर है तो आपके लिए यह खबर पढ़ना अति आवश्यक है। बैंक हमेशा से अपने ग्राहकों के बारे में सोचता आया है और ऐसे में उसने जो अभी नियम लागू किया है। इस नियम से यूजर को काफी आसानी होनी वाली है। बैंक की तरफ से लागू किये गए इस नियम से यह बात सब जाहिर होती है कि बैंक अपने हर एक ग्राहक के बारे में सोचता है। आखिर क्या है यह नियम
काफी समय से बैंक यूजर्स NRE खाते और NRO खाते के लिए एसबीआई CBI बैंक में अपील कर रहे थे। जिसे अब एसबीआई बैंक से मंजूरी दे दी गई है। अब जो लोग देश से बाहर रहते हैं या परिवार में से कुछ लोग जो बाहर रहते हैं। उनके लिए यह लागू नए नियम काफी फायदेमंद होने वाला है। चलिए जानते हैं इस नियम के बारे में विस्तार से
SBI Bank ने लागु किया ये नया नियम
NRE (Non-Resident External) और NRO (Non-Resident Ordinary) दोनों ही बैंक अकाउंट्स हैं जो भारतीय स्थायी निवासीयों को उपलब्ध हैं। NRE अकाउंट विदेशी मुद्रा में होता है और इसमें प्राप्त होने वाला आय भी विदेश में होती है, जबकि NRO अकाउंट भारतीय मुद्रा में होता है और इसमें भारतीय स्रोतों से होने वाली आय जमा होती है। इन अकाउंट्स का उपयोग विभिन्न वित्तीय आवश्यकताओं के लिए किया जा सकता है, लेकिन इनमें निर्दिष्ट नियमों और शर्तों का पालन करना आवश्यक है।
NRE अकाउंट (नॉन-रेजिडेंट एक्सटर्नल)
मुद्रा: विदेशी मुद्रा में रखा जाता है।
आय का स्रोत: विदेश में कमाई जाने वाली आय।
पुनर्निर्यातन: मूल राशि और ब्याज, दोनों को बिना किसी प्रतिबंध के पुनर्निर्यातन किया जा सकता है।
कर: भारत में कमाई गई ब्याज मुक्त है।
विदेश में कमाई हुई धन का प्रबंधन करने के लिए उपयुक्त है और सुगम पुनर्निर्यातन को सुनिश्चित करता है।
NRO अकाउंट (नॉन-रेजिडेंट ऑर्डिनेरी)
मुद्रा: भारतीय रुपया में रखा जाता है।
आय का स्रोत: भारत में कमाई जाने वाली आय।
पुनर्निर्यातन: प्रतिवर्ष प्रति वित्तीय वर्ष के लिए $1 मिलियन तक की सीमित पुनर्निर्यातन (मूल राशि और ब्याज के लिए)। अतिरिक्त दस्तावेज़ की आवश्यकता हो सकती है।
कर: भारत में कमाई गई ब्याज पर कर लगता है।
भारत में उत्पन्न हुई आय का प्रबंधन के लिए उपयुक्त है और वे व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है जो विदेश में चले गए हैं लेकिन उनके पास भारत में वित्तीय हित हैं।
ये दोनों अकाउंट बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हैं जैसे कि बचत, फिक्स्ड डिपॉजिट्स, और निवेश विकल्प। NRE और NRO के बीच का चयन आय के प्रकार और व्यक्ति की वित्तीय आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। विशिष्ट विवरण और वर्तमान नियमों का पालन करने के लिए बैंक से परामर्श करना उत्तम है।