अभी-अभी बॉलीवुड के इस एक्टर ने किया दुनिया को अलविदा, पूरे बॉलीवुड में पसरा मातम।

15 नवंबर 1956 को मुंबई में जन्मे जूनियर महमूद ने कैंसर से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद 8 दिसंबर को अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से पेट के कैंसर से पीड़ित थे। गायक-अभिनेता और निर्देशक के रूप में काम करने वाले जूनियर महमूद के निधन से हिंदी फिल्म सिनेमा में एक खालीपन आ गया। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को ‘हम काले हैं तो क्या हुआ दिल वाले हैं’ और ए घर को मत गोदाम बनाना जैसे कई यादगार गाने दिए।

मुंबई के रहने वाले नईम सैयद कैसे बने हिंदी फिल्म सिनेमा के ‘जूनियर महमूद’, आइए उनके सफर पर एक नजर डालते हैं-

इस सुपरस्टार ने उन्हें हिंदी सिनेमा का ‘जूनियर महमूद’ बना दिया

जूनियर महमूद ने अपने करियर की शुरुआत साल 1967 में फिल्म ‘नौनिहाल’ से की थी. उन्होंने अपने करियर में 265 फिल्मों में काम किया। जिसमें सिर्फ हिंदी फिल्में ही नहीं बल्कि सात अलग-अलग भाषाओं की फिल्में शामिल हैं। जूनियर महमूद ने हिंदी के अलावा मराठी फिल्मों में भी निर्माता और निर्देशक के तौर पर अपनी पहचान बनाई.

उन्होंने लगभग छह मराठी फिल्मों का निर्देशन और निर्माण किया। आपको बता दें कि चार दशक से भी ज्यादा समय से अपने दर्शकों का मनोरंजन कर रहे जूनियर महमूद जब इंडस्ट्री में स्ट्रगल करने आए तो उस वक्त उनका नाम नईम सैयद था.

उन्हें अपने समय के मशहूर सुपरस्टार महमूद अली नईम सैयद ने हिंदी सिनेमा का ‘जूनियर महमूद’ बनाया था। यह नाम दिग्गज अभिनेता महमूद अली ने दिया था।

फिल्मों के अलावा उन्होंने इन टीवी सीरियल्स में भी काम किया

जूनियर महमूद ने अपने फिल्मी करियर में बड़े पर्दे पर तो काम किया ही, इसके साथ ही उन्होंने छोटे पर्दे पर भी अपनी एक्टिंग का जादू चलाया. 1967 में इंडस्ट्री में कदम रखने वाले जूनियर महमूद ने मोहब्बत जिंदगी है, सुहागरात, फरिश्ते, ब्रह्मचारी, विश्वास, राजा साब, प्यार ही प्यार, दो रास्ते जैसी कई फिल्मों में काम किया।

फिल्मों के अलावा उन्होंने साल 2012 में दिशा परमार और नकुल मेहता स्टारर शो ‘प्यार का दर्द है मीठा-मीठा प्यारा-प्यारा’ में काम किया। इसके अलावा जूनियर महमूद साल 2019 में टेलीविजन शो तेनाली रामा में भी नजर आए थे। इस शो में उन्होंने ‘मुल्ला नसीरुद्दीन’ का किरदार निभाया था।

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